सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि एक राज्य के एससी/एसटी समुदाय के लोग दूसरे राज्यों की सरकारी नौकरियों में आरक्षण का लाभ नहीं ले सकेंगे। यह स्थिति दूसरे राज्यों के आरक्षित कोटे में उनकी जाति शामिल न होने पर लागू होगी। इस मसले पर न्यायमूर्ति रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय बेंच ने कहा कि एक राज्य में अनुसूचित जाति के किसी सदस्य को दूसरे राज्यों में भी अनुसूचित जाति का सदस्य नहीं माना जा सकता। इस बेंच में न्यायमूर्ति एनवी रमण, आर भानुमति, एम शांतानागौडर और एस अब्दुल नजीर शामिल थे।
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